गौतम बुद्ध के बारे में जानकारी Facts About Gautam Buddha in Hindi
Facts About Gautam Buddha in Hindi :- गौतम बुद्ध एक महान समाज सुधारक और बुद्ध के संस्थापक थे भगवन बुद्ध ने अपने बिचारो से दुनिया रास्ता दिखाया, उन्हें महान दार्शनिक, वैज्ञानिक और धर्मगुरु भी कहा जाता है गौतम बुद्ध का बचपन का नाम सिद्धार्थ था आइये जानते है गौतम बुद्ध के बारे में जानकारी
महात्मा बुद्ध का जन्म 563 ई.पू. में कपिलवस्तु के पास लुम्बिनी नामक स्थान पर हुआ था
गौतम बुद्ध के पिता शुद्धोधन शाक्य राज्य कपिलवस्तु के शासक थे। उनकी माता का नाम महामाया था जो देवदह की राजकुमारी थी।
गौतम बुद्ध बचपन से ही एकान्तप्रिय, मननशील एवं दयावान प्रवृत्ति के थे।
16 वर्ष में ही गौतम बुद्ध की शादी राजकुमारी यशोधरा से हो गयी थी उनका एक पुत्र हुआ जिसका नाम राहुल था
सिद्धार्थ को समस्त सुख प्राप्त थे परन्तु शान्ति प्राप्त नही थी। अतः एक रात वो अपने पुत्र व पत्नी को छोड़कर, गृह त्यागकर ज्ञान की खोज में निकल पड़े।
सिद्धार्थ को बिहार के गया नामक स्थान पर एक वट वृक्ष के नीचे सात दिन-रात समाधिस्थ में रहने के उपरान्त ज्ञान प्राप्ति हुई थी
सिद्धार्थ को जिस स्थान पर ज्ञान प्राप्ति हुयी उस स्थान का नाम बोध गया और उस वट वृक्ष का नाम बोधि वृक्ष कहा जाता है।
ज्ञान प्राप्ति के बाद महात्मा बुद्ध ने सारनाथ में अपना पहला उपदेश अपने पाँच सन्यासी साथियों को दिया था। इन शिष्यों को “पंचवगीर्य” भी कहा गया।
ज्ञान प्राप्त होने के बाद सिद्धार्थ गौतम बुद्ध के नाम से जाने गए |
गौतम बुद्ध ने अपनी शिक्षा अलार कलाम और रूद्रकरामपुत्र से लिया था
गौतम बुद्ध ने अपना सबसे ज्यादा उपदेश श्रावस्ती में दिया था
गौतम बुद्ध के पहले उपदेश को धर्म-चक्र-प्रवर्तन कहा जाता है
बौद्ध धर्म पूरे विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है।
महात्मा बुद्ध के जीवन की घटनाओं का विवरण आपको ललित बिस्तर, बुद्धचरित, महावस्तु एवं सुत्तनिपात से भी मिल जायेगा।
भगवान बुद्ध के उपदेशों का सबसे ज्यादा प्रचार प्रसार सम्राट अशोक ने किया था।
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483ई.पू. में बैशाख पूणिर्मा के दिन भगवान बुद्ध की अमृत आत्मा मानव शरीर को छोङ ब्रहमाण्ड में लीन हो गई।
भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और मृत्यु ये तीनों वैशाख पूर्णिमा के दिन ही हुए थे।
बुद्ध के उपदेश
बुद्ध ने पाली भाषा में अपना उपदेश दिया था जो इस प्रकार से है-
- जन्म, मृत्यु, रोग, इच्छा सभी दुख देते हैं।
- इंसान की इच्छा सभी दुःखों का कारण है।
- इंसान को तृष्णाओं पर नियंत्रण करना चाहिए ताकि दुख से बच सकें।
- सांसारिक दुखों को दूर करने के आठ मार्ग हैं इन्हें आष्टांगिक मार्ग मार्ग कहा गया है जो इस प्रकार है इच्छा और हिंसा के विचारों को त्यागना, सत्य और विनम्र वाणी बोलना, सही और अच्छे कार्य करना, जीवन चलने हेतु सही तरीके से धन कमाना, बुरी भावनाओं से दूर रहना, अच्छी बातों तथा आचरण का प्रयोग करना, किसी विषय पर एकाग्रचित होकर विचार करना आदि।
दोस्तों हम आपसे आशा करते है की आपको हमारी गौतम बुद्ध का जीवन परिचय के बारे में ये पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी।
bahut hi acchi jankari share ki hai aapne