छत्रपति शिवाजी के बारे में जानकारी Interesting Facts About Chhatrapati Shivaji in Hindi
Interesting Facts About Chhatrapati Shivaji in Hindi :- हमेशा ही हमारे देश में वीर शासको और राजाओं की भूमि रही है यहाँ ऐसे ऐसे महान शासक पैदा हुए है जिन्होंने अपने दुश्मनो से लोहा मनवाया था आज भी उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज किया है ऐसे ही एक महान योद्धा शिवाजी महाराज है जिन्होंने भारत में मराठा साम्राज्य की नीवं रखी थीं।
छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 11 फरवरी 1630 में महाराष्ट्र के शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। उनका नाम वहां के क्षेत्रीय देवता शिवई के नाम से रखा गया था इनका पूरा नाम शिवाजी राजे भोसले था उनके पिता का नाम शाहजी भोसलें और माता का नाम जीजाबाई था। उनके पिता बीजापुर के दरबार में उच्चाधिकारी थे शिवाजी का लालन पालन उनकी माताजी ने किया था शिवाजी महाराज बचपन से ही काफी तेज और चालाक थे शिवाजी ने बचपन से ही युद्ध कला और राजनीति की शिक्षा प्राप्त कर ली थी। छत्रपति शिवाजी ने बचपन से ही शासक वर्ग की क्रूरता देखी थी जिस कारण इनके अंदर बचपन से ही क्रूर शासन को उखाड़ फेंकने के विचार उठने शुरू हो गये थे आइये जानते है छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में कुछ रोचक तथ्य –
बुद्धिमान :- छत्रपति शिवाजी महाराज से ही बुद्धिमान थे वह बचपन में अपने साथियों को इकट्ठे कर उनके नेता बनकर युद्ध करने और किले जीतने का खेल खेला करते थे। इसलिए आज भी वो भारत के महान योद्धा एवं रणनीतिकार माने जाते है। अफजल खान का वध, शाइस्ता खान को हराना और औरंगजेब की गिरफ्त से चालाकी से बाहर निकलना शिवाजी महाराज के अदम्य साहस और बुद्धिमानी को दर्शाता है
नौसेना का निर्माण :- छत्रपति शिवाजी महाराज को पहले ही नौसैनिक बल के महत्व का एहसास हो गया था इसलिए उन्होंने भारतीय नौसेना निर्माण किया था उन्हें पता था कि डच, पुर्तगाली और अंग्रेजों सहित विदेशी आक्रमणकारियों से रक्षा होगी। उन्होंने जयगढ़, विजयदुर्ग, सिन्धुदुर्ग और अन्य कई स्थानों पर नौसेना किलों का निर्माण किया।
युद्ध की रणनीति :- छत्रपति शिवाजी महाराज बचपन से ही युद्ध की रणनीति बनाने में माहिर थे मात्र 15 साल की उम्र में उन्होंने बीजापुर के सुल्तान को हराकर तोरना किले पर कब्जा था धीरे धीरे उन्होंने कोंडन, जवली और राजगढ़ किलों पर कब्जा कर लिया था।
मराठा साम्राज्य की नींव :- शिवाजी से पहले मराठों की कोई अपनी सेना नही थी उन्होंने मराठा साम्राज्य की नीवं रखी और कई सैनिकों को अपनी सेना में रखकर उसका गठन किया | उन्होंने हिंदू और मुस्लिम दोनों को बिना किसी भेदभाव के सेना में नियुक्त किया, उन्होंने सेना को इकाइयों में विभाजित और प्रत्येक इकाई में 25 सैनिक रखे।
गुरिल्ला युद्ध :- छत्रपति शिवाजी महाराज को पहाडों का चूहा भी कहा जाता है उनको अपने इलाक़े की भूगोलिक स्थति का पता था इसलिए वो गुरिल्ला रणनीति या कावा जैसे छापा मरना, छोटे समूहों के साथ दुश्मनो पे हमला करते थे उन्होंने कभी भी धार्मिक स्थानों या वहा पे रहने वाले लोगो के घरो में कभी छापा नही मारा।
महिलाओं का सम्मान :- शिवाजी हमेशा महिलाओं का सम्मान करते थे और उनपर हिंसा या उत्पीड़न हुआ तो उसका विरोध किया करते थे उन्होंने अपने सैनिकों को सख्त निर्देश दे रखे थे कि छापा मारते वक्त किसी भी महिला को नुकसान नही पहुचना चाहिए। शिवाजी महाराज जनता की सेवा को ही अपना धर्म मानते थे।
शिवाजी के दुर्ग :- शिवाजी के पास 250 किले थे। जिनकी मरम्मत पर वह बड़ी रकम खर्च करते थे। शिवाजी ने ज्यादा किले युद्ध में जीते थे जैसे सिंहगढ़ का दुर्ग
किले की घेराबंदी :- जब शिवाजी महाराज सिद्दी जौहर की सेना के द्वारा पन्हाला किला में फँस गये थे तब शिवाजी महाराज ने एक योजना बनायीं जिसमे दो पालकियों की व्यवस्था की और एक में अपने तरह दिखने वाले को बिठा दिया। उनके दुश्मन नकली पालकी के पीछे चले गए और इस तरह वो अपने दुश्मनो को चकमा देकर भागने में कामियाब हो गये।
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मुगलों से लड़ाई :- शिवाजी की बढ़ती हुई शक्ति को देखते हुए औरंगजेब ने चढ़ाई कर दी पर मुंह की खानी पड़ी और लड़ाई के दौरान औरंगजेब ने अपना पुत्र खो दिया। इसके बाद राजा जयसिंह के के साथ मिलकर 1,00,000 सैनिकों की फौज भेजी। शिवाजी ने महाराजा जयसिंह से संधि कर ली थी
शिवाजी बड़े दयालु थे युद्ध में जो लोग आत्म-समर्पण कर देते थे वे उन्हें अपनी सेना में शामिल कर लेते थे।
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