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सचिन तेंदुलकर के बारे में जानकारी Facts About Sachin Tendulkar in Hindi

Facts About Sachin Tendulkar in Hindi :- सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट के भगवान कहा जाता है उनका जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में हुआ था। सचिन के दो माँ थी। सचिन के करोड़ों फैंस है जो उनके जन्म दिन को भी त्योहार की तरह मनाते हैं। सचिन तेंदुलकर ने 100 शतक, 163 अर्धशतक, 34,000 रन बनाये है उनका इतना बड़ा आंकड़ा देख कर पता चलता है कि वो कितने महान खिलाडी थे सचिन ने कही रिकॉर्ड्स अपने नाम किये है। जब सचिन आउट हो जाते थे तो आधा हिंदुस्तान टीवी बंद कर देता था। आइये जानते है ऐसे महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के बारे में रोचक बातें और जानकारी

सचिन तेंदुलकर का पूरा नाम सचिन रमेश तेंदुलकर है। उनका नाम उनके पिता ने अपने अपने चहेते संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम से रखा था।

जब सचिन 5 साल के थे तब उनकी बड़ी बहन सविता कश्मीर से उनके बैट लेकर आयी थी वह उनका पहला बैट था

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बचपन में सचिन नेट्स पर पूरा दिन बिना आउट हुए रहते थे तो उनका कोच उन्हें एक सिक्का देते थे ऐसे उनके पास तेरह सिक्के हैं।

सचिन तेंदुलकर को परफ्यूम और घड़ियां जमा करने का शौक है।

सचिन ने अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरूआत 1989 को टेस्ट क्रिकेटर के रूप में पाकिस्तान के विरूद्ध किया था

19 वर्ष की अवस्‍था में सचिन तेंदुलकर काउंटी क्रिकेट खेलने वाले सबसे युवा खिलाडी थे।

मात्र 14 साल की उम्र में सचिन तेंदुलकर मुंबई की रणजी टीम में शामिल हुए वो सबसे कम उम्र में Ranji Team में शामिल होने वाले खिलाड़ी थे।

जब 1987 का विश्वकप मैच भारत और जिम्बाब्वे के बीच खेला जा रहा था तो उसमें सचिन ‘बॉल-बॉय’ थे।

सचिन के नाम लगातार 185 वनडे मैच खेलने का रिकॉर्ड हैl

1988 में खेले गए एक प्रैक्टिस मैच में सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तानी टीम के लिए सब्‍स्टीच्यूट के तौर पर फील्डिंग की थी।

थर्ड अंपायर द्वारा आउट दिए जाने वाले पहले बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर हैं।

सचिन तेंदुलकर ऐसे खिलाडी थे जिन्होंने अपने पहले ही रणजी, दिलीप और ईरानी ट्राफी मैचों में शतक जड़ा था।

सचिन तेंदुलकर 1.5 किलोग्राम वाले बैट से खेलते थे इतना बारी बल्ला उनके अलावा दक्षिण अफ्रीका के लांस क्लूजनर इस्तेमाल करते थे।

सचिन तेंदुलकर राज्यसभा के लिए मनोनीत होने वाले पहले क्रिकेटर हैं।

सचिन तेंदुलकर ऐसे खिलाडी है जिनको भारत सरकार की तरफ से राजीव गांधी खेलरत्न, अर्जुन अवॉर्ड और पद्मश्री से सम्मानित किया गया है वो ऐसे एकमात्र क्रिकेटर हैं।

जब सचिन अपना पहला टेस्ट पाकिस्तान के खिलाफ खेल रहे थे तो उन्हें सुनील गावस्कर ने पैड्स भेंट किए थे।

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स्कूल टाइम में सचिन अपने दोस्तों के साथ वड़ा पाव खाने का कॉम्पीटीशन रखते थे।

2014 में सचिन तेंदुलकर की ऑटोबायोग्राफी प्लेइंग इट माय वे प्रकाशित हुई थी

1996 के विश्वकप से पहले सचिन के बल्ले पर किसी भी कंपनी का लोगो नहीं लगा था उसके बाद MRF कंपनी ने अपना लोगो दिया था।

सचिन जब भी खेलने के लिए मैदान पर आते थे तो सबसे पहले वो सूर्य देवता को नमन करते थे।

सचिन तेंदुलकर के प्रशंसक उन्हें भिन्न-भिन्न नामों से पुकारते हैं जैसे लिटिल मास्टरमास्टर ब्लास्टर है।

सचिन अपनी फेरारी कार के इतने दीवाने हैं कि वो अपनी पत्नी को भी इसे चलाने नहीं देते है।

बचपन में जिस आया ने सचिन की देखभाल की उन्हें सब ‘सचुची बाई’ बोलकर पुकारते हैं

1992 में सचिन सबसे कम उम्र में 1000 टेस्ट रन बनने वाले बल्लेबाज बन गए थे

सचिन तेंदुलकर Left Hander हैं। और बॉलिंग, बैटिंग सीधे हाथ से करते है वो हमेशा Autograph अपने बायें हाथ का इस्तेमाल करते हैं।

2013 में सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न के लिए नाम दिया गया ऐसे करने वाले वो सबसे कम उम्र के खिलाड़ी है।

2013 में सचिन तेंदुलकर ने अपना आखिरी मैच वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेला था उनका ये 200 वाँ मैच था।

दिवसीय और टेस्ट में सबसे ज्यादा शतक सचिन तेंदुलकर के नाम है और साथ ही टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन इन्ही के नाम है।

जिम्बाब्वे में सचिन तेंदुलकर ने किसी भी टेस्ट मैच में शतक नहीं लगाया है।

क्रिकेट के लेजेंड कहे जाने वाले सर डॉन ब्रैडमैन के 90वें जन्मदिन पर शेन वॉर्न सचिन तेंदुलकर के साथ उनके घर गए थे।

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