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दुनिया का सबसे महंगा पदार्थ Duniya ke Sabse Mehnga Pathar

Duniya ka Sabse Mehnga Pathar :- पूरी दुनिया में ऐसे बहुत सारे पदार्थ है जिनकी कीमत हमारी सोच से काफी ज्यादा है लोग सोचते हैं कि हीरे ही दुनिया की महंगी चीजें है।

पर दुनिया में ऐसे बहुत सारे पदार्थ हैं जिनकी कीमत विश्व के कई देशों की आय से भी ज्यादा है। ऐसा ही एक पदार्थ हैं जिसे एक ग्राम बेचने पर कई छोटे देशों को खरीदा जा सकता है। ये मजाक बिल्कुल भी नहीं है। दुनिया के 90 फीसदी लोगों को इस वस्तु का नाम तक नहीं सुना होगा। तो आइये जानते है उस पदार्थ के बारे मे-

यह एंटीमैटर है जिसे दुनिया की सबसे महंगी वस्तु माना जाता है, इसे प्रतिपदार्थ भी कहा जाता है। एंटीमैटर ऐसा पदार्थ है जो प्रतिकणों जैसे पाजिट्रॉन, प्रति-प्रोटॉन, प्रति-न्यूट्रॉन में बना होता है। ये प्रति-प्रोटॉन और प्रति-न्युट्रॉन प्रति क्वार्कों मे बने होते हैं। अगर हम इसकी कीमत की बात करें तो आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। अगर इसे एक ग्राम बेचा जाए तो दुनिया के 100 छोटे-छोटे देशों को खरीदा जा सकता है। इसके 1 ग्राम की कीमत 31 लाख 25 हजार करोड़ रुपए है। इसीलिए ये दुनिया का सबसे महंगा पदार्थ है।

कहां से आता है एंटीमैटर 

एंटीमैटर एक तत्व होता है। इसकी खोज बीसवीं शताब्दी में हुई थी। ये अंतरिक्ष में ही छोटे-छोटे कणो में होता है। जिस तरह सभी भौतिक वस्तुएं मैटर यानी पदार्थ से बनती हैं और मैटर में प्रोटोन, इलेक्ट्रॉन और न्यूट्रॉन होते हैं, उसी तरह एंटीमैटर में एंटीप्रोटोन, पोसिट्रॉन्स और एंटीन्यूट्रॉन होते हैं। एंटीमैटर को बनाने के लिए लैब में वैज्ञानिक इसे दूसरे पदार्थों के साथ मिलाकर बनाया जाता हैं। ताकि इसका इस्तेमाल ईधन के रूप में हो सके। अंतरिक्षयान और परमाणु हथियारों के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है। रॉकेट लॉन्चर में भी जरुरत होती है।

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एंटीमैटर की ताकत

वैज्ञानिकों का मानना है कि सैद्धांतिक तौर पर करीब आधा किलो एंटीमैटर, दुनिया के सबसे बड़े हाइड्रोजन बम से भी ज्यादा विध्वंसक ताकत होती है। लेकिन, इससे उपयोगी ऊर्जा प्राप्त करने के लिए काफी बड़ी राशि की जरूरत होती है।

महंगा होने के कारण

नासा की मानें तो एंटीमैटर को तैयार करने में सबसे ज्यादा पैसे खर्च होते हैं। इसलिए इसकी कीमत भी ज्यादा है। आंकड़ों की मानें तो 1 मिलीग्राम एंटीमैटर बनाने में 160 करोड़ रुपए हैं। इसकी सुरक्षा में भी सबसे ज्यादा खर्च किया जाता है। दुनिया में सबसे ज्यादा सुरक्षा व्यवस्था भी इसे प्रदान की जाती है। इतना ही नहीं नासा जैसे संस्थानों में भी इसे रखने के लिए एक मजबुत सुरक्षा घेरा है।

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