मंगेश घिल्डियाल का जीवन परिचय, Mangesh Ghildiyal biography in Hindi
Mangesh Ghildiyal Biography in Hindi :- ये कहानी हमेशा सुर्खियों मे रहने वाले डीएम मंगेश घिल्डियाल जी की है जो हमेशा गरीब बच्चो की मददत करते रहते है मंगेश घिल्डियाल जी जनता के लिए, जनता के बीच जाकर उनकी समस्या सुनकर तुरंत ही समस्या का समाधान करते हैं। और जरूरत पड़ने पर वह चौपाल लगाते हैं और जनता की शिकायतों का यथासंभव समाधान करते हैं। मंगेश घिल्डियाल 2011 बैच के IAS अफसर है जिन्होंने पूरे देश में चौथी रैंक हासिल की थी।
मंगेश ने हमेशा ही अपनी एक अलग छाप छोड़ी है। जब उनका ट्रांसफर बागेश्वर जिले से रुद्रप्रयाग हो रहा था, तो वहां के लोगो ने सड़कों पर आ कर विरोध किया। वहा के लोग रोने तक लग गए थे कि आप यहाँ से मत जाओ।

ऐसा कारनामा डीएम साहब ने रुद्रप्रयाग मे भी किये है जब स्कूल में टीचर न होने की स्थिति में डीएम और उनकी पत्नी बच्चों को पढ़ाने गये। डीएम साहब जिले के हर गाओं मे जाकर लोगो की परेशानिया सुनते है और भ्रष्टाचारियों के लिए एक बड़ी आफत है।
मंगेश घिल्डियाल जी ज्यादातर गढ़वाली में लोगो से बात करते है वो हमेशा लोगो की मदत और समस्या को हल करते है हाल में उनका तबादला टिहरी गढ़वाल में हुआ तो रुद्रप्रयाग के लोग धरना प्रदशन करने लग गए थे।
केन्द्र सरकार में मिली बड़ी जिम्मेदारी
आपने सुना ही होगा मेहनत और ईमानदारी हमेशा रंग लाती है ऐसा टिहरी जनपद के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कर दिखाया। जब उन्हें केन्द्र सरकार में मिली बड़ी जिम्मेदारी मिली है प्रधानमंत्री कार्यालय में तीन आईएएस अधिकारियों को नियुक्त किया गया है जिसमे एक उत्तराखंड के तेजतर्रार आईएएस अधिकारी मंगेश घिल्डियाल जी है।
जन्म और स्कूली शिक्षा
IAS मंगेश घिल्डियाल का जन्म पौड़ी जिले के डांडयू गांव में हुआ। उनके पिता प्राइमरी स्कूल में हेडमास्टर थे और माता गृहणी हैं। मंगेश की प्राथमिक शिक्षा डांडयू गांव मे ही हुई। इससे आगे की पढ़ाई के लिए वे गांव से पांच किमी दूर राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय पटोटिया जाते थे। इसके बाद वो रामगनर चले गये और वही पर नौवीं से लेकर ग्रैजुएशन तक की पढ़ाई की|
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इसके बाद जब वो एमएमसी की पढ़ाई कर रहे थे तो उनके ऊपर बहुत जिम्मेदारी आ गयी थी उनके साथ उनके दो और भाई बहिन भी पढाई कर रहे थे तो पैसे की परेशानी आने लग गई थी उन्होंने पढाई के साथ गेट का एग्जाम दिया, तो उसमें सेलेक्शन हो गए। इसके बाद उन्होंने पढाई के साथ साथ इंदौर से एमटेक भी किया। एमटेक करते ही 2006 मे लेजर टेक्नीक‘ पर रिसर्च के लिए उन्हें साइंटिस्ट के रूप में नौकरी मिल गयी।
सिविल सर्विसेज की तैयारी
साइंटिस्ट के पद पर सेलेक्शन हो जाने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग देरादून में आईआईआरडी लैबोरेट्री में हुई| तब उन्हें लगा कि मुझे सिविल सर्विसेस मे जाना चाहिए| वही से ही सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दिया। उस समय देहरादून में उतना अच्छा माहौल नहीं था। उस समय UPSC की तैयारी कोई संस्थान नहीं कराता था। उन्होंने खुद ही बुक स्टडी की और पहली बार में 131वीं रैंक के साथ आईपीएस में सेलेक्शन मे गया।

सिलेक्शन होने के बाद वो हैदराबाद चले गए फिर भी वे सिविल परीक्षा की तैयारी में जुटे रहे और 2011 में उन्होंने दोबारा सिविल सेवा एग्जाम दिया और चौथा स्थान प्राप्त किया। उस समय उनको भारतीय विदेश सेवा यानी इंडियन फॉरेन सर्विसेज़ में जाने का मौका मिला लेकिन उन्होंने उत्तराखंड को चुना और आईएएस की नौकरी करने का फैसला लिया। उनकी पहली पोस्टिंग चमोली में मुख्य विकास अधिकारी के रूप में मिली।
पारिवारिक जीवन
मंगेश घिल्डियाल जी की पत्नी का नाम ऊषा घिल्डियाल है जोकि पहले गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर में सीनियर वैज्ञानिक थी। लेकिन अब वह नौकरी छोड़कर रुद्रप्रयाग जिले में शिक्षा की बेहतरी के लिए कार्य कर रही हैं। उनकी एक बेटी है।

जब भेष बदलकर केदारनाथ का जायजा लेने पहुंचे डीएम
जब केदारनाथ मे काम चल रहा था वो स्वयं ही कुर्ता-पजामा पहने, पीठ पर बैग टांगते हुए आम यात्री बनकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के लिये पहुंचे तो किसी ने भी उन्हें नहीं पहचाना वो दो दिन तक वही रहे उन्हें वह व्यवस्था में भारी खामियां पाई गई। जिसके बाद उन्होंने अधिकरियों को व्यवस्था पूरी करने के निर्देश दिये।

डीएम मंगेश घिल्डियाल ने हौसला बढ़ाया
यु तो डीएम मंगेश घिल्डियाल हर किसी युवा के हौसले बढ़ाते रहते है पर ये कहानी उत्तराखंड के हल्द्वानी की रहने वाली उस बेटी की है जिसने IAS परीक्षा में अपना दम दिखाया। बिना कोचिंग के अपूर्वा ने IAS की परीक्षा में अव्वल नंबर हासिल किए। अपूर्वा ने अपनी इस कामयाबी का श्रेय रुद्रप्रयाग जिले के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल को दिया है।
भ्रष्टाचार पर नकेल
भ्रष्टाचार पर डालेंगे नकेलडीएम मंगेश घिल्डियाल सरकारी विभागों में कमीशनखोरी से बहुत ही आहत हैं। उनका कहना है कि जिन अधिकारियों खर्चा सरकार द्वारा दी गई सेलरी में नहीं चल रहा है, तो वह हमको बता दे तो हम उसकी एप्लीकेशन को शासन को प्रेषित करेंगे और कहेंगे कि इनको रिटारयमेंट दिया जायेगा।
Very nice
Apne kafhi post likhi hai dm sahab ke bare mai
IAS Shri Mangesh Ghildiyal ji gaon k nam me Chhota SA correction h…gaon ka nam TANDYON/ TAMDYUN HAI…DANDYO NAHI thanks
Very inspirational laakhon mein ek aadmi aisa hota hai
Hi mera naam bhagwat singh hai or mai sir se bahut hi inspire hu or vo kis bhagwan se kam ni hai bhagwan un ko or urja de or m ssb se nevedan karta hu ki hum ko bhi un k saat kandha mila kar chslna chahiye
Salute to our great District Magistrate Mangesh Ghildiyal Sir, the person is best example for today’s young generation that how our wisdom and energy should expand for to complete obligation for nation. We all must support to Mangesh sir as much as possible different types of ways. This is our good fortune that we are having ideal DM in our District Tehri Garhwal .
Thank You Jay Hind. Jay Uttrakhand
This is good opportunity for we all people who belong to Tehri Uttrakhand that the Honest person Honorable District Magistrate Mangesh Sir has taken charge for our area.
Today we all must support to Mangesh Sir. we must follow him and the timelines or regulations which told by him.
Thank You Jay Hind, jay Uttrakhand
I think he is the best administrator in India. We all are inspired from him. He made us so proud that he is from Uttarakhand. Not only uttarakhand people love him. Entire India love and Support him. He is the best icon for coming generation. He always llisten to others as well. He is an example for all of us.
Thanking him
Salute to him.