फॉरेन एक्सचेंज क्या है इस से कैसे पैसे कमाया जा सकता है
फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में आप एक देश की मुद्रा से दूसरे देश की मुद्रा ले या भेज सकते है किसी भी देश की करेंसी का मूल्य बाजार में उसकी मांग और आपूर्ति पर निर्भर करता है। जैसे एक व्यापारी अपने सामान का रेट उसकी मांग पर तय करता है, वैसे ही फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में विदेशी मुद्रा का क्रय-विक्रय होता है। फोरेक्स मार्किट मे करेंसी के रेट्स हमेशा ऊपर-निचे होते रहते है
इसे भी पढ़ें: फॉरेन एक्सचेंज गुडगाँव
फॉरेन एक्सचेंज नॉएडा
फॉरेन एक्सचेंज दिल्ली
मान लीजिये आप डॉलर लेने का मन बनाते है और आप 1000 डॉलर 71 के रेट से ले रख लेते है. और कुछ समय बाद एक्सचेंज रेट में थोड़ा बदलाव हुआ और यह बढ़कर 72 हो गया. ऐसे मे अगर आप इनको भेचेंगे तो आपको 1000 भारतीय रुपीये का फायदा होगा। इसी तरह अगर बेचने के वक्त एक्सचेंज रेट 70 आ गया तो आपको 1000 रुपये का नुकशान होगा।
अगर आपको फॉरेक्स मार्केट की नॉलेज है तो आप फॉरेक्स मार्केट से अच्छी कमाई कर सकते है। इसके लिए आपको किसी फॉरेक्स ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा.
फेमा क्या है?
फेमा भारत में विदेशी मुद्रा की व्यवस्था एवं रखरखाव के उद्देश्य से इसका स्थापना की गयी| ये 1999 में लागू किया गया |
दूसरे शब्दों में कहे तो पहले FERA मे अगर किसी के पास काला धन मिलता था तो उसको सीधे जेल होती थी परन्तु अब इस का संशोधन किया गया है अब अगर काला धन मिलता है तो जबतक सरकार ने प्रूफ नहीं किया तब तक आप को जेल नहीं हो सकती है|
फेमा में केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही विदेशी मुद्रा की लेन देन करने की अनुमति दी गई है- जैसे अधिकृत डीलर, मनी चेंजर, विदेशी बैंकिंग यूनिट या कोई अन्य व्यक्ति जिसे तत्समय रिजर्व बैंक द्वारा प्राधिकृत किया गया हो|